कुछ लोग यूँ ही मिल जाते हैं अचानक से
कुछ साथ रह जाते हैं ज़िन्दगी भर के लिए
तो कुछ बस यूँ ही चलते हैं साथ पल दो पल के लिए
यादो में हम बस यूँ ही खो जाते हैं
जब वो लोग हमसे जुदा हो जाते हैं
कुछ के तो चेहरे भी धुंधला जाते हैं
पर कुछ हमारी आँखों में बस जाते हैं
कुछ दोस्त बनके हमारे आस पास नज़र आते हैं
तो कुछ यूँ ही परछाइयो में खो जाते हैं
कुछ की यादें हमें हर वक़्त हँसाती हैं
वही कुछ की यादें हमें आँसू दे जाती हैं
कुछ मिलते हैं हमारे रंग में खो जाते हैं
कुछ अपने जीवन के कुछ रंग हमें दे जाते हैं
कुछ जाने के बाद फिर मिल जाते हैं
कुछ जाते हैं, आते हैं, फिर चलें जाते हैं
यादें ही हैं जो साथ निभाती हैं
कभी हँसाती हैं तो कभी गुदगुदाती हैं
--लक्की
११ सितम्बर २००९
2 comments:
बहुत अच्छी लीगी कविता... धन्यवाद|
यादों में छिपा प्रेम है, जो असल मन साथ देता है| अपनत्त्व का महत्त्व है ही कुछ ऐसा| अच्छी कविता है|
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