आज सुबह हुई दो लोगो की याद के साथ
जो आज नहीं मेरे साथ मेरे पास
कोई था जिसके कदम मदमस्त नाचते थे
कोई था जिसके खूब पक्के इरादे थे
जिसकी बोली में हमेशा एक चहक सी रहती थी
जिसके बातो में जेसे ठंडी हवा बहती थी
कोई था जो एकदम सीधा साधा था
कोई था जिसने किया आसमान छूने का वादा था
जिसकी आँखों में शांत सा समंदर था
जिसकी सोच में उसके दिल का दर्पण था
एक से मेरी होती लगभग हर दिन बात थी
दूसरे से बस होती सिर्फ मुलाकात थी
एक ने मुझे अपनी यादो में शामिल किया था
दूसरे ने सबके मन पे कब्ज़ा किया था
अचानक से आई आज उनकी याद
जो नहीं हैं आज किसी के भी साथ
एक ने खुद को मौत को बुला लिया
तो दूसरे को खुद मौत ने गले लगा लिया
कुछ अनकहे सवाल
कुछ उलझे से जवाब
ले गए वो लोग अपने जीवन के साथ
-लक्की
२१ अक्टूबर २०१०
2 comments:
jinhe hum pyar karte hai wo bhule se bhi nahi bhulte hai. bus ek shikayat hai aapse. 3 saal se blogging karte hue bhi itne kum post kyon. aap achchha likhti hai use zari rakhe. shukriya.
बहुत सुन्दर रचना| धन्यवाद|
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