Tell your brain to swim in rever of real and imaginary thoughts to Quench your Creative Thirst !!
जिन हाथो ने मुझे चलना सिखाया
उस हाथ की नब्ज़ को बंद होने से रोकू कैसे
बांध देना चाहती हू समय को यहीं
घडी कि सुइयों को आगे बढ़ने से रोकू कैसे
जो लेके मुझे इस संसार में आया
उसे यहाँ से रुखसत होने से रोकू कैसे
अच्छे भाव।सुंदर रचना।
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1 comment:
अच्छे भाव।
सुंदर रचना।
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