छूने को हैं खुला आसमान
पर मन में ये घुटन सी क्यों हैं
मेरे पास ही तो तुम हो
फिर भी मिलने की लगन क्यों हैं
बातें तो होती ही इतनी
खामोश फिर भी ये मन क्यों हैं
जवाब सारे हैं मेरे पास
फिर भी ये उलझन क्यों हैं
आज सब कुछ जगमगा रहा
मेरे दियो में रौशनी कम क्यों हैं
में खुश तो बहुत हूँ
मेरी ख़ुशी में ये गम क्यों हैं
5 comments:
बहुत बढ़िया!!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
apne diyo mein thodi si mohabat mila lijiye .. kam pade to dil ka jala lijiye.. jamgati roshani mein khul ke muskura dijiye.. roshan diyo ki tarah aap aur apka parivar hamesha jagmagata rahe... happy diwali ..
lucky ur very beautiful and wish u a happy diwali and happy new year
सुन्दर रचना की बधाई और दीपावली की शुभकामनाएं।
bahut achcha likha hai..touching lines..aisa laga meri soch ko apne shabdo mei likh dia..
Keep it up!!..my best wishes for you..
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